चंडीगढ़: डॉ. करनबीर सिंह ने एक बेजुबान पक्षी बाज के जले पैरों में आर्टिफिशियल लिंब लगाने का काम कर दिखाया। डाॅ. करनबीर सिंह के मुताबिक, चूंकि पक्षी के पैर हल्के हाेते हैं और ऐसे में लिंब तैयार करने के लिए लाइट वेट मटेरियल जुटाना मुश्किल था। फिर इंपोर्टेड थर्मोप्लास्टी से पक्षी के लिंब तैयार किए। जैसे ही बाज लिंब के सहारे कंफर्टेबल हो जाएगा, तो उसे उड़ान भरने के लिए छोड़ दिया जाएगा। सबसे पहले बाज की प्रजाति का पता लगाया। बाज शिक्रा प्रजाति का निकला। जिसके बाद आर्टिफिशियल लिंब तैयार किये गए। कई बार सेटिंग के लिए बाज काे सेंटर पर लाया गया। अब बाज लिंब के सहारे चलने लगा है।
शहर के रहने वाले जीत बराड़ सिंह को अपने आंगन में एक बाज मिला था। उसके दोनों पैर जले हुए थे। इस वजह उसे खड़े होने और उड़ने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। जीत बाज को इंंडस्ट्रीयल एरिया फेज 2 स्थित दीप आर्टिफिशियल लिंब सेंटर ले गए। जहां एक महीने की कोशिश के बाद आर्टिफिशियल लिंब को सफलतापूर्वक लगा दिया गया। जैसे ही बाज लिंब के सहारे कंफर्टेबल हो जाएगा, तो उसे उड़ान भरने के लिए छोड़ दिया जाएगा।