
सहकारिता मंत्री को लिखे पत्र की कॉपी चेयरमैन मिल्क प्लांट मोहाली, सभी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर, मिल्कफेड पंजाब के मैनेजिंग डायरेक्टर, रजिस्ट्रार सहकारी सेवाएं, वित्त कमिश्नर सहकारी सेवाएं और चेयरमैन महिला कमिश्नर पंजाब को भी भेजी गई है। इनमें से एक विधवा महिला ने करीब एक माह पहले भी गुमनाम पत्र सहकारिता मंत्री को भेजकर जांच की मांग की थी।इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई थी। उस पत्र पर जांच का जिम्मा चंडीगढ़ प्लांट की जनरल मैनेजर को सौंपा गया था। उनके मोहाली प्लांट पहुंचने पर आरोपी अफसरों ने पीड़िता पर दबाव बनाकर मामला रफा-दफा करवा दिया था।
नए शिकायत पत्र में उन्होंने लिखा है कि वे मोहाली के मिल्क प्लांट के अलग-अलग सेक्शन में काम करती हैं।सबसे पहले अफसर किसी महिला को टारगेट करता है और फिर उस महिला को परेशान करना शुरू करता है। जब महिला कर्मचारी परेशान हो जाती है तब यूनियन नेता के अधीन काम करने वाली महिला संबंधित पीड़िता को यूनियन नेता से मिलवाती है। वह आरोपी अफसर के पास पीड़िता को ले जाकर यह जताता है कि महिला उसकी करीबी है और उसे परेशान न किया जाए। इस तरह आरोपी अफसर और यूनियन नेता बाद में पीड़िता का शोषण शुरू कर देते हैं।पहले भी उन्होने एक शिकायत पत्र भेजकर इसकी शिकायत की थी। लेकिन कोई भी ठोस कार्यवाही न्ही हुई थी और मामले ओ रफ़ा दफ़ा कर दिया गया था।