नई दिल्ली: दिल्ली निर्भया कांड के 4 दोषियों में से एक अक्षय ठाकुर की रिव्यू पिटिशन को सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को खारिज कर दिया। दोषी अक्षय की याचिका खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दलीलों में दम नहीं है। कोर्ट के इस फैसले के साथ ही निर्भया के दोषियों की फांसी की सजा बरकरार है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि इस केस में जो भी जांच और ट्रायल हुआ वो सही था। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों को राष्ट्रपति को अपनी दया याचिका भेजने के लिए 7 दिन का समय दिया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निर्भया की मां आशा देवी की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा कि मैं इस फैसले से काफी खुश हूं।
आपको बता दें आरोपी अक्षय ठाकुर के वकील ए पी सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में एक फांसी की सजा को लेकर दया याचिका दायर की थी जिसमें लिखा था कि दिल्ली में प्रदूषण इतना ज्यादा फैल गया है कि पानी तक भी दूषित हो चुका है जिससे इंसान की आयु की सीमा 50 वर्ष तक ही सीमित रह गई है। ऐसे में फांसी की सजा क्यों? लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने यह याचिका खारिज करते हुए आरोपियों की फांसी की सजा बरकरार रखी है।