
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने जेलों में अपराध की रोकथाम के लिए पंजाब सरकार को राज्य की सभी जेल, चाहे वह सेंट्रल हों या डिस्ट्रिक्ट सभी में 3 महीनों के भीतर मोबाइल जैमर्स लगाने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि जेलों में गैर-कानूनी सूचनाएं न पहुंच सकें, इस पर रोक लगाने के लिए यह बेहद जरूरी है। जस्टिस राजीव शर्मा एवं जस्टिस एचएस सिद्धू की खंडपीठ ने स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी को राज्य की सभी जेलों का हर 15 दिन में एक बार दौरा कर जांच के आदेश भी दिए हैं। ताकि जेलों का निरीक्षण किया जा सके।जेलों में स्वच्छता पर सख्ती से काम करने के आदेश है।कैदियों को सर्दियों में साफ सुथरे कंबल, रजाई बिस्तर और गर्मियों में बेडशीट्स दी जाएं। जेल में कैदियों की बैरक, टॉयलेट्स आदि साफ सुथरे रखे जाएं।जेल में कैदियों के स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त दवाएं, डॉक्टरों और अन्य मेडिकल स्टाफ की सुविधाएं दे।जेल में कैदियों के सुधार और उन्हें व्यक्तित्व विकास के लिए समय-समय पर जेलों में योग और अन्य आध्यात्मिक कार्यक्रमों के साथ कई वोकेशनल कोर्स भी शुरू किए जाएं।
हाईकोर्ट ने कहा कि अक्सर जेलों में कैदियों के टॉर्चर किए जाने और शारीरिक और मानसिक तौर पर प्रताड़ित किए जाने के मामले सामने आते हैं। लिहाजा अब हाईकोर्ट ने जेल अधीक्षक को आदेश दिए हैं कि वह यह सुनिश्चित करें कि जेल में किसी भी कैदी का टॉर्चर न हो और न ही कोई उसे शारीरिक और मानसिक तौर पर प्रताड़ित कर सके। अगर ऐसा पाया गया तो जेल अधीक्षक इसके लिए जिम्मेदार होगा। अगर किसी कैदी के साथ ऐसा होता है तो वह सीधे किसी भी माध्यम से हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को शिकायत कर सकता है।