चंडीगढ़: देश के सबसे बड़े 221 फुट के रावण का दहन चंडीगढ़ के धनास में किया गया। इस रावण का दहन देखने के लिए ट्राइसिटी से लोग बड़ी तादाद में पहुंचे। दरअसल, ट्राइसिटी में मंगलवार को 65 से ज्यादा जगहों पर रावण दहन हुआ। जिसमें चंडीगढ़ में 33 जगह, मोहाली में 32 और पंचकूला में 15 से ज्यादा जगहों पर रावण दहन हुआ। लंकापति रावण के दहन से पहले कई जगह उसकी पूजा की गई।221 फीट रावण एक मिनट में ही दहन हो गया। रावण को बनाने में लगभग तीन माह का समय लगा और इस पर करीब 30 लाख रुपये खर्च आया। इसे देखने के लिए शाम पांच बजते ही मैदान लोगों से खचाखच भर गया। लोगों को पार्किंग की जगह भी बमुश्किल से मिली। कई लोगों ने अपनी बाइक और गाड़ी कॉलोनी में ही खड़ी की तो कई धनास की शुरुआत में ही अपनी गाड़ी खड़ी करके पहुंचे। कार्यक्रम में पंजाब के गवर्नर वीपी सिंह बदनौर और चंडीगढ़ भाजपा अध्यक्ष संजय टंडन शामिल हुए।
शाम 6.55 मिनट पर गवर्नर ने जैसे ही रिमोट से रावण दहन के लिए बटन दबाया तो वो नहीं चला। इसके बाद उन्होंने फिर दोबारा रिमोट का बटन दबाया तो वो भी विफल रहा। स्टेज पर जय श्रीराम के नारे लगते रहे और रावण दहन नहीं हो पा रहा था। तभी आयोजकों को पता चला कि जैमर लगा होने की वजह से रिमोट काम नहीं कर पाया, बार-बार आग्रह करने के बावजूद गवर्नर की सिक्योरिटी ने इसे नहीं हटाया। बाद में गवर्नर ने सिक्योरिटी को इसके लिए डांटा तो इसके बाद जैमर को हटाया गया। इस वजह से जो रावण छत्र से शुरू होकर मुकुट, तलवार और ढाल से जलना शुरू होना था वो पैरों से शुरू होकर ऊपर की ओर जला। अंत में छत्र जल ही नहीं पाया।