पटियाला: अनपढ़ भाभी और 5वीं पास ननद ने एक फाइनांस बैंक को एक करोड़ 22 लाख रुपए का चूना लगा दिया है। पुलिस ने मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन लोगों ने बैंक से दो बार लोन लिया था और सही समय पर लौटा दिया था। इसके बाद इन्हें एक क्रेडिट कार्ड भी मिला था। लेकिन इसका गलत इस्तेमाल किया। पुलिस ने शुक्रवार को आरोपी महिला कुलदीप कौर (45 साल), ननद नरिंदर कौर (53 साल), अमरजीत सिंह, गुरलाल, करमजीत को गिरफ्तार करके 4 दिन का पुलिस रिमांड हासिल किया है। पुलिस को कुछ बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत का शक है।
गांव रसूलपुर जोड़ा की 45 साल की अनपढ़ कुलदीप कौर और उसकी ननद 5वीं पास नरिंदर कौर 53 साल ने 2015 में फाइनेंस बैंक से 30-30 हजार का लोन पास करवाया था। बाद में उन्होंने सही टाइम पर पैसे चुका दिए। इसे देखते हुए बैंक ने उन्हें 2017 में 45-45 हजार की लिमिट दे दी। वह भी पैसे इन लोगों ने सही टाइम पर चुका दिए। इसके बाद 2019 में उन्हें 60-60 हजार की लिमिट मिली। इस दौरान आरोपी महिलाओं ने एक-एक क्रेडिट कार्ड भी लिया, जिसका पिन नंबर 2 महीने पहले ही बैंक मैनेजर ने दिया था। इस दौरान आरोपियों के हाथ बैंक के क्रेडिट कार्ड का पासवर्ड लग गया। इससे दोनों ने 2 महीने के अंदर बैंक को 1 करोड़ 22 लाख का चूना लगा दिया। इसका पता चलते ही बैंक मैनेजर ने साइबर सेल पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवाई। जांच के दौरान पता चला कि आरोपियों ने कार्ड का गलत इस्तेमाल करके पैसा निकाला है।
ननद व भाभी ने 638 बार इस्तेमाल किया कार्ड
एसएसपी मनदीप सिंह सिद्धू ने बताया, बैंक की शिकायत पर जांच के बाद आरोपियों के हाथ बैंक का पासवर्ड लग गया था। 2 महीनों में ही आरोपी महिला कुलदीप कौर ने अपने पति और बेटे के साथ मिलकर कार्ड 195 बार इस्तेमाल किया और 59 लाख 5 हजार 431 रुपए खर्च कर डाले। वहीं, ननद नरिंदर कौर ने बेटे करमजीत से मिलकर 443 बार कार्ड के जरिये 92 लाख 99 हजार 110 रुपए की ट्रांजेक्शन की। बैंक के किसी मुलाजिम की भी मिलीभगत लग रही है, जांच जारी है।
लाखों के जेवरात-गाड़ियां खरीदीं
आरोपी महिला कुलदीप कौर के पास से 325 ग्राम सोने के गहने, एक नई बोलेरो गाड़ी, एक होंडा एक्टिवा और उसकी ननद नरिंदर कौर व उसके बेटे कर्मजीत उर्फ सोनू के पास से फर्श में दबा कर रखे करीब आधा किलो सोने के गहने बरामद किए गए। इसके अलावा बड़ी मात्रा में गहने अलग अलग बैंकों में जमा कराकर लोन लिया हुआ था। सभी अकाउंट को भी सील कर दिया गया है।
6 महीने में 30 लाख का डीजल और पेट्रोल डलवाया
जांच के दाैरान सामने आया कि आरोपियों ने कार्ड के जरिए अलग-अलग पेट्रोल पंप से करीब 30 लाख रुपए का पेट्रोल व डीजल गाड़ियों में डलवाया। अाराेपी पेट्रोल पंप पर जाकर कार्ड स्वाइप करवा कर उनसे नकदी पैसा भी लेते थे। इसी के तहत कौन-कौन से पेट्रोल पंप हैं, जहां से इनका काला धंधा चल रहा था उनकी भी लिस्ट बनाई जा रही है। 25 पेट्रोल पंप शक के घेरे में है। आरोपी पाए जाने पर उन्हें भी केस में नामजद किया जाएगा।
शक : बैंक के आला अफसरों की सांठगांठ के बिना नहीं हो सकता इतना बड़ा घोटाला
बैंक से रिटायर्ड चीफ ब्रांच मैनेजर जीआर सेठ ने बताया कि बिना मिलीभगत क्रेडिट कार्ड से लिमिट से ज्यादा पैसा नहीं निकाल सकते। बैंक के कैश पर भी बैंक मैनेजर और मुलाजिमों की जॉइंट टीम होती है। एक करोड़ ₹22 लाख का घोटाला आम आदमी नहीं कर सकता। क्लियर है बैंक के मुलाजिम ही नहीं आला अफसर भी घोटाले में हिस्सेदार होंगे। जिनके सहयोग से ही यह पूरी गेम चलाई गई है। एटीएम कार्ड और क्रेडिट कार्ड से होने वाली हर ट्रांजेक्शन की रिपोर्ट बैंक मैनेजर और तैनात कर्मचारियों के पास आती है जिनकी रोजाना लिस्ट बनती है। ऐसे में 2 महीने लगातार चली ट्रांजेक्शन को देखते हुए बैंक अधिकारियों ने कोई एक्शन क्यों नहीं लिया। यह सवाल उन्हें शक के घेरे में लाता है।