पंचकूला. 11 सितंबर को पिंजाैर एरिया में कालका के टैक्सी ड्राइवर का मर्डर हुआ था। इस मामले में पुलिस ने आरोपियों को पकड़ लिया है। पकड़े गए पांच आरोपियों में से एक नाबालिग है। अभी पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि पांचवें से पूछताछ की जा रही है।सभी को पकड़ने के बाद पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए हैं। सामने आया है कि ये आरोपी एक दूसरे को जानते ही नहीं थे, सभी सोशल मीडिया पर फेसबुक के जरिए एक दूसरे के संपर्क में आए थे।आरोपियों ने पहले सिक्योरिटी एजेंसी, फिर पिंजौर और अंबाला के पेट्रोल पंपों पर डकैती करने का प्लान बनाया था। गिरफ्तार आरोपियों में मिर्जापुर के बुन्देलखंडी निवासी रोहित सेठ, कोलकाता निवासी सुशांत सरदार, बद्दी में सिक्योरिटी एजेंसी में काम करने वाला पवन गुप्ता और एक अन्य शामिल है।
यूपी के बदायूं का रहने वाला पवन गुप्ता ही मास्टरमाइंड है। आराेपियों ने पूछताछ में खुलासा किया है कि उनका बद्दी में उस सिक्योरिटी एजेंसी के मैनेजर को गोली मारकर डकैती करने वाले थे, जिसमें गुप्ता काम करता था। उन्होंने बताया कि 10 से 11 तारीख के बीच में मैनेजर कैश लेकर आता है।
उसके आने पर यहां वारदात को अंजाम दिया जा सकता है। लेकिन वारदात की रात वह कैश लेकर भी नहीं आया। जब कालका से निकलने के बाद मास्टरमाइंड को पता चला कि मैनेजर आया ही नहीं है। तो इन लोगों ने प्लान कैंसिल कर दिया। उसके बाद पिंजौर के मढ़ावाला के पास पेट्रोल पंप पर डकैती की वारदात को अंजाम देने का प्लान बनाया।तय किया कि वारदात को अंजाम देने के बाद अंबाला की ओर निकल जाएंगे। जहां पर एक और डकैती को अंजाम देंगे और फिर गाड़ी को छोड़कर दिल्ली निकल जाएंगे। इस बीच आरोपियों से टैक्सी ड्राइवर का मर्डर हो गया और उन्होंने सारे प्लान कैंसिल कर दिए।
कालका से निकलने के बाद आरोपियों ने टैक्सी ड्राइवर परविंद्र को गन पॉइंट पर ले लिया था। उन्होंने उससे उसकी गाड़ी मांगी। लेकिन उसने मना कर दिया। इस पर उनकी उसके साथ बहस हो गई और उसे गोली लग गई। फिर आरोपी कुछ ही दूरी पर गाड़ी को छोड़कर फरार हो गए। बाद में पुलिस को ड्राइवर की लाश मिली।
साइबर सेल की मदद से सॉल्व किया केस: पुलिस ने इस केस को साइबर सेल की मदद से सॉल्व किया। पुलिस ने कालका रेलवे स्टेशन से मौका ए वारदात का मोबाइल डंप उठाया। कालका रेलवे स्टेशन के पास टैक्सी स्टैंड से लेकर माैके ए वारदात तक पुलिस को पांच नंबरों की लोकेशन एक साथ मिली। ये नंबर परविंद्र के मोबाइल के बराबर चल रहे थे। इसी से पुलिस का शक गहराया और इन नंबरों को ट्रेस करना शुरू कर दिया। वहीं पुलिस को एक सीसीटीवी फुटेज भी मिली। इस सब के आधार पर पुलिस आरोपियों तक पहुंची और उन्हें दबोच लिया।
घर बनाने के लिए बनाया डकैती का प्लान: मास्टरमाइंड पवन गुप्ता ने बताया कि वे एक दूसरे को जानते ही नहीं थे। उनके बीच में कभी मोबाइल पर बात ही नहीं हुई थी। वे फेसबुक पर करीब तीन महीने पहले ही संपर्क में आए थे और वारदात को अंजाम देने की प्लानिंग बनाई। मास्टरमाइंड के अनुसार हमारे एक साथी ने अपने पिता से एक लाख रुपए लिए थे। जो किसी को देने थे। बार-बार पिता पैसों के बारे में पूछते थे, जिससे वह परेशान था। वहीं, एक साथी ने घरवालों से सिर्फ 30 हजार रुपए लिए थे। पैसे वापस न देने पर उसके घर में कलेश रहने लगा था। उसके मुताबिक वह खुद भी मकान बनाना चाहता था, खर्च बढ़ गया था, लेकिन मकान नहीं बना पा रहा था। इसी के चलते डकैती का प्लान बनाया।