
डिप्टी कमिश्नर विपुल उज्जवल के साथ बदसलूकी के आरोपों के तहत नामजद किए गए विधायक व लोक इंसाफ पार्टी के प्रमुख सिमरनजीत सिंह बैंस की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उनकी अग्रिम जमानत याचिका सोमवार को सेशन जज गुरदासपुर रमेश कुमारी ने खारिज कर दी। पुलिस उनको किसी भी समय गिरफ्तार कर सकती है। बैंस की अग्रिम जमानत याचिका को 12 सितंबर को गुरदासपुर सेशन अदालत में हुई थी। इसके बाद अदालत ने अपना फैसला 16 सितंबर तक टाल दिया था। सोमवार को शाम पांच बजे के करीब सेशन जज रमेश कुमारी ने सिमरनजीत बैंस की अग्रिम जमानत याचिका अर्जी खारिज करने का फैसला सुनाया।
जिला अटार्नी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि डीसी से बदसलूकी व धमकाने के मामले में बैंस की गिरफ्तारी बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि घटना के समय बैंस के साथ अन्य कई लोग बड़ी संख्या में मौजूद थे। उनकी मंशा ठीक नहीं थी। बैंस की गिरफ्तारी से उससे पूछताछ करके उसके साथियों का पता लगाना जरूरी है, ताकि सही छानबीन हो सके।
इसके अलावा वायरल हुई वीडियो से छेड़छाड़ की गई है। जिसे फोरेंसिक लैब भेजना जरूरी है। इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए बैंस की अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज की जाए।
दूसरी तरफ बैंस की तरस से पेश हुए वकीलों ने सरकारी पक्ष के आरोपों को बेबुनियाद बताया और कहा कि बैंस से जो लोग कार्यालय में गए थे, वह फैक्टरी धमाके में लापता व्यक्ति का भाई सतनाम सिंह व अन्य रिश्तेदार थे, जो स्थानीय निवासी ही हैं। उन्होंने मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के उस बयान का हवाला भी दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि यह पर्चा उनके कहने पर हुआ है। इससे साफ जाहिर होता है कि बैंस को राजनीतिक रंजिश का शिकार बनाया गया है।