
पिछले कई दिन से कैबिनेट मंत्री विजय इंदर सिंगला की कोठी के सामने धरना दे रहे बेरोजगार अध्यापकों ने शनिवार को संगरूर पहुंचे मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी को घेर लिया। पुलिस ने मंत्री को बड़ी मुश्किल से बाहर निकाला। इस दौरान पुलिस ने धरनकारियों को तितर-बितर करने के लिए हल्का लाठीचार्ज भी किया। वहीं धक्का मुक्की के दौरान कई महिला अध्यापक बेहोश हो गई। जानकारी के मुताबिक संगरूर में ईजीएस, एआईई और एसटीआर अध्यापक जत्थेबंदियों द्वारा प्रदेश स्तरीय प्रदर्शन किया जा रहा है। प्रदर्शन शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला की कोठी के सामने था। शिक्षामंत्री अपनी रिहायश पर मौजूद नहीं थे। मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी संगरूर में एक कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए पहुंचे थे और वह सिंगला के आवास पर रुके थे। जैसे ही सोढी सिंगला के घर से बाहर आकर अपनी गाड़ी में बैठने लगे तो प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी और सड़क को जाम कर दिया। कुछ अध्यापक सड़क पर ही लेट गए। जब प्रदर्शनकारी नहीं हटे तो मंत्री खुद प्रदर्शनकारियों के पास आए और उन्हें भरोसा दिया कि उनकी मांगों को पूरा करवा दिया जाएगा। इस पर भी प्रदर्शनकारी शांत नहीं हुए और मांग करने लगे कि उनका फैसला आज ही किया जाए। इस पर मंत्री ने कहा कि वह अकेले कुछ नहीं कर सकते, इसके लिए पूरी कैबिनेट ही कोई फैसला ले सकती है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वह आज पीछे नहीं हटेंगे और उनका रास्ता नहीं छोड़ेंगे। प्रदर्शनकारियों के सख्त रुख के कारण पुलिस को बीच में आना पड़ा और उन्होंने अध्यापकों को पीछे धकेलना शुरू कर दिया जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई। मंत्री प्रदर्शनकारियों में घिर गए। पुलिस को मंत्री को बाहर निकालने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी और अध्यापकों से धक्का मुक्की करनी पड़ी।प्रदर्शनकारियों से बातचीत में सोढी ने कहा कि तमाशा करने से कोई भी मसला हल नहीं होगा। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को आह्वान किया कि उनके दस सदस्य उनके पास चंडीगढ़ में आकर मिले। वह खुद संबंधित मंत्री से मिलकर मुख्यमंत्री के पास यह मसला रखेंगे। उन्होंने भरोसा दिलाया कि कैबिनेट की अगली बैठक में यह मामला हल करवाया जाएगा। इसके बाद भी प्रदर्शनकारियों ने अपना प्रदर्शन जारी रखा। बेरोजगार अध्यापक जत्थेबंदी के प्रांतीय नेता मक्खन सिंह तोलावाल ने कहा कि उनकी जत्थेबंदी पिछले लंबे समय से रेगुलर नौकरी की मांग को लेकर संघर्ष कर रही है लेकिन किसी सरकार ने उनकी कोई बात नहीं सुनी। उन्होंने कहा कि अब वह आरपार की लड़ाई लड़ेंगे। शिक्षामंत्री के घर के सामने लगा धरना इसी तरह जारी रखा जाएगा। इस मौके पर दविंदर सिंह मुक्तसर, हरविंदर सिंह, करमिंदर सिंह पटियाला, सतिंदर सिंह, गुरचरण सिंह तरनतारन, हरप्रीत सिंह जालंधर के अलावा राज्य के विभिन्न जिलों से अध्यापक पहुंचे थे।