July 20, 2019
चंडीगढ़-गत काफी समय से सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के आपसी रिश्ते थोड़े तलखी भरे होते नजर आ रहे थे। मामला उस समय भडक़ उठा था जब कुछ समय पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंत्रिमंडल का फेररबदल करते समय नवजोत सिद्धू से स्थानीय निकाय मंत्री का मेहकमा उनसे वापिस ले कर उन्हें बिजली विभाग दे दिया था। जिसके बाद सिद्धू पंजाब कांग्रेस से नाराज हो गए थे और उन्होंने अपना इस्तीफा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को भेज दिया था।इस बारे में किसी को जानकारी नहीं दी। यह बात नवजोत सिद्धू ने कुछ दिन पहले अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर की थी। उन्होंने बताया था कि वह अपना इस्तीफा राहुल गांधी को 1 माह पहले ही भेज चुके हैं।जब सिद्धू के इस्तीफे पर कोई हलचल नहीं हुई न ही हाईकमान ने इस्तीफे का कोई नोटिस नहीं लिया तो सिद्धू ने एक हफ्ता पहले ट्विटर हैंडल पर यह जानकारी सभी को दे दी। यह जानकारी सामने आने के बाद सिद्धू के विरोधी स्वाल उठाने लगे थे कि वह इस्तीफा कायदे से मुख्यमंत्री को भेजना चहिए था। जिस के बाद सिद्धू ने इस्तीफा सीएम की रिहायश पर भेज दिया था। सीएम उस दिन दिल्ली में थे उन्होनें सिद्धू का इस्तीफा मिलने की पुष्टि करते हुए कहा था कि वह वापिस चंडीगढ़ जाने के बाद इस्तीफे का मजमून पढ़ कर फैसला लेंगे। तब ये बातें कही जाने लगी थी कि सिद्धू का इस्तीफा आज मंजूर होगा कोई और कहता कल होगा। उधर कैप्टन के वापिस आने के साथ ही सिद्धू दिल्ली में आलाकमान से मिलने पंहुच गए थे। जिसके बाद आज सुब्ह कैप्टन ने नवजोत का इस्तीफा मंजूर करके राज्यपाल को भेज दिया है।