नई दिल्ली। लोकसभा में सोमवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (संशोधन) विधेयक 2019 पास हो गया। इस पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह और एमआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी के बीच काफी नोकझोक हुई।
नआईए बिल पर चर्चा के दौरान ओवैसी ने शाह से कहा कि उंगली मत दिखाइए, मैं डरूंगा नहीं। इस पर शाह ने कहा कि वे किसी को डरा नहीं रहे हैं। लेकिन वे उसकी भी मदद नहीं कर सकते, जिसके जहन में डर है।
दरअसल, एनआईए बिल पर चर्चा के दौरान बागपत से भाजपा सांसद और पूर्व पुलिस कमिश्नर सत्यपाल सिंह अपनी बात रख रहे थे। वे बता रहे थे कि एक केस में हैदराबाद के पुलिस कमिश्नर पर राजनीतिक पार्टी के एक नेता जांच बदलने के लिए दबाव डाल रहे थे। कमिश्नर से कहा गया था कि वे ऐसा नहीं करेंगे, तो उनका तबादला कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वे उस वक्त मुंबई कमिश्नर थे, इसलिए इस मामले की जानकारी है।
इस पर ओवैसी ने हंगामा खड़ा कर दिया और कहा कि सत्यपाल सिंह को इस मामले में सारे रिकॉर्ड सदन में रखने चाहिए। इस पर अमित शाह ने कहा कि सत्ताधारी पार्टी के सांसद विपक्षी नेताओं के बात रखने के दौरान उन्हें नहीं टोकते, इसलिए विपक्षी पार्टी को भी ऐसा करना चाहिए।
शाह ने ओवैसी की तरफ इशारा करते हुए कहा कि विपक्षी सांसदों को सुनने की आदत डालनी चाहिए। इसपर ओवैसी ने विरोध जताते हुए उंगली ना दिखाने को कहा। उन्होंने कहा कि वे डरने वाले नहीं हैं। इस पर शाह ने कहा कि जब डर आपके जहन में है, तो मैं क्या कर सकता हूं।
सदन से बाहर ओवैसी ने कहा कि जो भाजपा के फैसलों का समर्थन नहीं करता, वे (भाजपा के नेता) उसे एंटी नेशनल कहते हैं। क्या इन्होंने नेशनल और एंटी नेशनल की दुकान खोल रखी है। अमित शाह ने उंगली उठाते हुए धमकी दी। लेकिन वे सिर्फ गृह मंत्री हैं, कोई भगवान नहीं हैं। उन्हें पहले नियम पढ़ने चाहिए।